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Mr.Agwaniya
मयखाना
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं देख कर मुझे यूं नजरें चुराना अंदाज ये तुम्हारे पुराने पुराने हैं। जब से तूने मिरा दिल तोड़ा है बस शराब से ही नाता जोड़ा है। मयखाने में सब गम भूल जाता हूं जब शराब को होठों से लगाता हूं। © 𝐌𝓡.𝐚𝕘ώαⓝⒾ𝐘𝒶