Love infinity

Chapter 2 - शव्यांश का गुस्सा

Guest2022/12/04 15:51
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ड्राइविंग सीट पर बैठे उस शख्स को ऐसा लग रहा था  अगर अंदर कुछ देर तक सबकुछ इसी तरह ख़ामोशी का मंजर रहा तो वह ड्राइव करते हुए ही बर्फ़ का गोला बन जाएगा।

 

शव्यांश बैक सीट पर अपने हाथों को आपस में बांध कर एक्सप्रेशन लेस होकर किसी पांडा की तरह ही बैठा हुआ था।

 

ड्राइविंग सीट पर बैठे शख़्स ने अपना वाइट कैप सेट करते हुए डैशबोर्ड से एक न्यूजपेपर निकालकर बिना मुड़े ही पीछे की तरफ  बढ़ा दिया,और शव्यांश ने बिना एक शब्द कहे उससे वह न्यूजपेपर खींच लिया और वह अपनी नजरें गड़ाए न्यूज़ पेपर को पीने लगा।

 

उसके हाथों में इंडिया का मोस्ट पॉपुलर न्यूज पेपर "The Hindu" था जिसके फ्रंट पेज पर एक आर्टिकल छपा हुआ था, जिसे देखकर भी उसके चेहरे पर कोई भाव उतपन्न नहीं हुए थे।

 

आर्टिकल "Asian and Business Awards 2022 held in London.

 "Shavyansh Raizada is the youngest Indian who has made his name again  in the Best Businessman Awards 2022"

 We all Indians should be proud to be him…and his all achievement"

 

इसी तरह से पूरा एक पेज शव्यांश के लाइफ स्टाइल एंड उसके अब तक के अचीवमेंट के बारे में छपा हुआ था।

 

ड्राइवर कार ड्राइव करते हुए,उसे रियर व्यू मिरर से बार-बार स्टॉक कर रहा था,और खुद को कोस रहा था ,आंखिर वह अपनी इतनी छोटी सी लाइफ में इस खड़ूस सख्स के साथ इतने सालों से क्यों है इसे तो कुछ भी जैसे कभी भी फ्रर्क ही नहीं पड़ता है।

 

शव्यांश ने बिना न्यूजपेपर से नज़र उठाए कहा-"ड्राइविंग पर फ़ोकस करो अधीर "।

 

अधीर एक टेक्सटाइल कम्पनी का मैनेजिंग डायरेक्टर है और यह इनका ही फैमिली बिजनेस है साथ ही वह शव्यांश का क्लोज़ फ्रेंड वह बिजनेस पार्टनर भी है, इन दोनों ने अपनी बिज़नेस की स्टडी usa के बेस्ट मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी से पूरा किया है और तीन साल पहले ही यह दोनों ने इंडिया आ गए और फ़िलहाल  दोनों ही यहां अपना-अपना बिज़नेस हेंडल कर रहे है।

 

अधीर उम्र 25 साल, हाइट 6फिट 1 इंच,गेंहुआ रंग मस्क्यूलर बॉडी एंड डैशिंग पर्सनैलिटी  और उसके चेहरे पर french style beard रहते हैं, वह व्यवहार में शव्यांश से टोटली अपोजिट है, और वह शव्यांश को शव्य और शव्यां ही कहकर बुलाता है।

 

अपना नाम सुनकर अधीर चौक गया और धीरे से कहा-"तो तू जानता था मैं ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ हूँ?"

 

शव्यांश ने कहा-"ऑफ कोर्स  तेरे अलावा एयरपोर्ट पर इतना बेहूदा अनाउंसमेंट और कौन करवा सकता है"।

 

अधीर ने एक्टिंग करते हुए कहा-"यार मेरी महोब्बत को यूं बेहूदा का टैग तो मत दिया कर, तू तो जानता है ना यार मैं तेरे लिए क्या फील करता हूँ"।

 

शव्यांश ने कहा-"क्या बक़वास है"

 

अधीर ने कहा-"जब तू जानता था मैं ड्राइविंग सीट पर  हूँ तो तू मुझे ड्राइवर वाला फील देने के लिए पीछे क्यों बैठा हुआ है?"

 

शव्यांश ने कहा-" क्योंकि तू इसी लायक है"।

 

अधीर ने कहा- "शव्य कभी तो हंस लिया कर यार, हंसने में कोई टैक्स थोड़ी कटता है"।

 

शव्यांश ने कहा-"अगर कट गया तब क्या तू  उसका इंस्टॉलमेंट पे करेगा। "

 

अधीर ने धीरे से कहा-"खड़ूस"।

 

शव्यांश ने सीधा सीधा पूछा-" तू यहां क्या कर रहा है?"

 

अधीर ने बाद बदलते हुए  कहा -" अच्छा शव्य और कैसा रहा तेरा अवॉर्ड विनिंग फंक्शन? "

 

शव्यांश ने कहा-" तुझे क्या लगता है"




अधीर ने मन ही मन कहा-" मन तो करता है मैं तेरा ये खूबसूरत सा मुँह तोड़ दू ,शव्य "।

 

शव्यांश ने कहा-"पहले ड्राइव तो ढंग से कर ले फिर तोड़ना तुझे जो तोड़ना होगा, स्टूपिड"।

 

अधीर चौक गया, हां?

 

शव्यांश ने उसे एक नज़र उठाकर देखा अधीर ने फ़ौरन रेयर व्यू मिरर का फोकस शव्यांश से हटा लिया और चुपचाप सिटी मारते हुए कार ड्राइव करने लगा ।

 

शव्यांश ने अचानक ही कहा-"स्टॉप दी कार"।

 

अधीर ने हड़बड़ा कर पूछा-"व्हाट?"

 

शव्यांश ने कोल्ड वे में कहा-"आई सेड स्टॉप द कार राइट नाउ"।

 

अधीर ने फ़ौरन कार का ब्रेक प्रेस कर दिया, तभी शव्यांश ने कहा-" आउट"।

 

अधीर नासमझी में उसे देखने लगा, और साइलेंट लैंग्वेज में कहने लगा-"क्या मैं कार से उतर जाऊं?"

 

शव्यांश ने कुछ भी नहीं कहा और अपने फ़ोन में कुछ करते हुए ,कार का एक बटन प्रेस कर दिया, जिससे उस फॉर्च्यूनर के विंडोज़ बड़े ही स्टायल से ओपन हो गए और शव्यांश के दो बॉडी गार्ड्स ने आकर अधीर को ड्राइविंग सीट से उठाकर बाहर रख दिया, यह वहीं बॉडीगार्ड्स थे जो शव्यांश के कार को उसके पीछे से एक ब्लैक sedan से एरपोर्ट से ही फॉलो कर रहे थे।

 

अधीर अभी भी सॉक में था कि अभी अभी उसके साथ एक ट्रेजडी हो गई है।

 

शव्यांश ने उन बॉडीगार्ड्स में से एक को अपने आंखों से ही ऑर्डर दिया कि वह आकर कार ड्राइव करे जिसे समझ कर वह बॉडी गार्ड फ़ौरन ड्राइविंग सीट पर आकर बैठ गया और उसने कार स्टीयरिंग  सम्भाल लिए।

 

अधीर ने अपने माथे पर दो तीन बार मुक्का मारा जिससे वह अपने सेंस में लौट आया।

 

अधीर ने चीख़ते हुए कहा-"शव्य यह तुने अच्छा नहीं किया है"।

 

यह कहकर वह उस बॉडी गार्ड को अपने बाजू से हटाने लगा जिसने उसका बाजू अभी भी टाइट ली पकड़ा हुआ था।

 

शव्यांश ने उसे एक लुक देकर कहा-"अधीर तू मुझे इस पूरे वीकेंड कहीं नज़र मत आना, आई नो तू मुझे कहा लेकर जा रहा था"।

 

अधीर ने अपनी आंखों को छोटा करते हुए कहा-"तुम्हारे डैड सिरियसली बीमार है, पत्थर दिल आदमी"।

 

उसकी बात सुनकर शव्यांश की मुठियाँ बन्ध गई और उसने कहा-" नीर प्लीज् ड्राइव द कार और उसने वापस से एक बटन प्रेस किया, जिससे स्लो मोशन में कार विंडोज् क्लोज़ होने लगे।

 

बाहर से बॉडी गार्ड ने पूछा-"बॉस इनका क्या करना है?"

 

शव्यांश ने कहा-"सर को बिना किसी तकलीफ़ के क्लब तक ड्राप कर दो, ही नीड टू सम काइंड ऑफ रिफ्रेशमेंट।"

 

इतने में ही नीर ने कार ड्राइव कर लिया, और ड्राइव करते हुए पूछा-"सर  हम  कहां जा रहे हैं?"

 

शव्यांश ने कहा-"जुहू बीच ले चलो"।

 

नीर ने गेयर बदल लिया और वह शांति से कार ड्राइव करने लगा।

 

शव्यांश ने भी अपनी आंखें बन्ध कर लिए, और वह एक गहरी सोच में डूब गया।

 

वह महज पांच साल का था जब उसकी माँ एक सिरियस बीमारी की वजह से उन्हें छोड़कर चली गई और उसके डैड कुछ ही महीनों में उसके लिए एक नई माँ लेकर आ गए, शव्यांश के लिए यह सब उस एज में एक्सेप्ट करना  किसी चुनोती से कम नहीं था।

 

वह जैसे तैसे अभी यह सब एक्सेप्ट करने ही लगा था तभी उसका एक छोटा भाई उनकी जिंदगी में आ गया, जिसके बाद उसके डैड उसे जैसे भूल ही गए, जब वह महज़ 9 साल का था उसके डैड अपनी नई वाइफ और अपने बेटे को लेकर usa चले गए क्योंकि उनकी कंपनी का मेन ब्रांच तब वहीं था, और उनका ट्रैवल ज्यादा करने की वजह से उनकी कम्पनी लॉस में जाने लगी थी तो उन्हें मजबूरन यह फैसला लेना पड़ा था।

 

लेकिन समीर के इस फ़ैसले की वजह से ,शव्यांश को पूरे 10 साल तक मुम्बई के उस रायजादा एंपायर में अकेले ,नैनी और केयर टेकरों के बीच गुजारनी पड़ी थी, हलाकि उसके डैड साल,दो साल में उसे देखने आते जाते रहते थे लेकिन उसके लिए इतना काफी नहीं था।

 

खैर इन दिनों में शव्यांश ने भी अपनी पक्की दोस्ती बिज़नेस के बुक्स से करा लिया और फाइनली जब समीर रायजादा  सात साल पहले पूरे बिजनेस को मुंबई में शिफ्ट करके  पूरी फेमिली के साथ वापस इंडिया आए तो तब शव्यांश usa चला गया उसे लगा था वह usa में अब अपनी फैमिली के साथ रहेगा लेकिन एक बार फिर से उसे उसकी तन्हाइयों ने चुन लिया था।

 

अब वक्त ऐसा आ गया है कि समीर तीन सालों से बिस्तर पकड़ कर बैठें हुए हैं सिर्फ एक ही जिद्द है उनकी एक बार शव्यांश से मिलना ,उसे देखना लेकिन शव्यांश ने इन तीन सालों में समीर को अपनी आहट भी सुनने का मौका नहीं दिया है क्योंकि वह उनसे अब तक नाराज़ है।

 

नीर ने ब्रेक लगाकर कहा-"लो बॉस आ गया जूहू बीच"।

 

शव्यांश ड्राइवर की आवाज़ सुनकर अपने ख्यालों से लौट आया और उसने अपने आंखों को खोल लिया, अभी भी उसकी गहरी काली आंखों में ज़ीरो मोशन था।

 

शव्यांश अपने रिस्ट पर वॉच को अच्छे से अरजेस्ट करके अपने आंखों पर एक ब्लैक गॉगल चढ़ाकर अपने सूट को सेट करते हुए कार से बाहर उतर कर आ गया, बाहर एस यूजुअल उसके बॉडीगार्ड्स अपने अपने पोजीशन पर खड़े होकर उसके उतरने का ही इंतजार कर रहे थे।

 

जैसे ही वह आगे बढ़ने लगा वह सब उसे अच्छे से कवर करते हुए उसके साथ साथ चलने लगे।

 

शव्यांश अचानक ही एक जगह पर आ कर रुक गया और उसने अपने बॉडीगार्ड्स को भी वहीं रुकने का इशारा दिया जिससे वह सब उसके पीछे खड़े हो गए।

 

शव्यांश दो कदम आगे बढ़ा,आज मौसम रंगीन था ना तो धूप थी ना ही बारिश हल्की-हल्की हवाएं चल रही थी और आसमान में नन्हें-नन्हें बादलों  का पहरा था।

 

वह अभी जुहू बीच के सेंड में खड़ा हुआ था और जितनी दूर तक उसकी नज़र जा रही थी उतनी दूर तक उसे कोकोनट के पौधों के पार नीला गहरा समंदर दिखाई दे रहा था, जिसमें पानी की लहरें इधर से उधर फव्वारों की तरह बिखरतें हुए नज़र आ रहे थे।

 

 आज पूरा जुहू बीच ख़ाली था इसलिए वहां उनके  अलावा कोई भी नहीं था, शव्यांश ने अपने घड़ी में देखा और आंखे बंद करके काउंटिंग करने लगा, 1 ,2 …

 

तभी सामने से एक आदमी हाँफते हुए  आया और शव्यांश  के सामने आकर ,अपना पूरा गर्दन झुकाकर गहरी सांस लेकर कहा-" हेलो सर ,  कांग्रेचुलेशन, एंड वार्म वैलकम टू नवी मुम्बई"।

 

शव्यांश ने अपनी आंखें खोल लिए और कोल्ड वॉइस में कहा-" प्रकाश तुम पूरे 5 मिनट लेट हो, इसका इफेक्ट तुम्हारे मंथली बोनस पर पड़ सकता है"।

 

प्रकाश ,उम्र 24 साल हाइट 5 फिट 7 इंच फेयर स्किन एंड थिन बॉडी, प्रकाश शव्यांश का पर्सनल असिस्टेंट है।

 

शव्यांश की बात सुनकर प्रकाश ने अपना स्लाइवा निगलते हुए कहा-"स सॉरी सर, एक्चुअली मैं  वह क्लाइंट के साथ था "।

 

शव्यांश ने कहा-"ओके और यहां क्या नया अपडेट है"?

 

प्रकाश ने अपना गर्दन उठाकर एक रूटीन् लिस्ट चेक करते हुए कहा-" सर यह बीच आज ख़ास तौर पर बुक्ड है, और आप तो जानते ही हैं हमारे जो क्लाइंट हैं वह फॉरनर है ,और वह चाहते है आप खुद पॉवर बोट का डेमो करके उन्हें दिखाए ,क्योंकि वह इतने बड़े डील के साथ रिस्क नहीं लेना चाहते है"।

 

शव्यांश ने कहा-" और"।

 

प्रकाश ने  कहा-" और क्या सर हम भी रहने देते हैं यह ट्रायल क्योंकि हमारा भी तो इस फ़ील्ड में यह पहला एक्सपीरियंस + एक्सपेरिमेंट है।"

 

शव्यांश ने अपना गॉगल हटाकर उसे फूंक मारते हुए कहा-" प फ़ॉर प्रकाश नाम है तुम्हारा लेकिन बातें वर्थ लेस + यूजलेस"।

 

प्रकाश ने अपना पसीना पोछते हुए जल्दी से कहा-" सर मैं बस नहीं चाहता आप अपनी लाइफ रिस्क में डाले"।

 

शव्यांश ने एरोगेंट टोंन में कहा-"मुझे खुद से ज्यादा भरोसा अपने डिज़ाइन और डिजाइन किए हर एक मॉडल्स पर है फ़िर वह बिजनेसमैन ही कैसा जो रिस्क ना उठाए?"

 

प्रकाश ने हड़बड़ा कर कहा-"वह सर वह मैं"।

 

शव्यांश ने अपना गॉगल उसके आंखों पर चढ़ाकर उसके कंधों पर अपने हाथों को रखते हुए कहा-" प्रकाश, तुम दस साल बाद भी एक pa ही रहोगे और  जानते हो ऐसा क्यों होगा? क्योंकि तुम जीने के लिए रेस्ट फुल लाइफ चाहते हो और तुम्हारे  उस रेस्टफुल लाइफ के लिए किसी को तो रिस्क लेना पड़ेगा राइट?"

 

यह कहकर शव्यांश ने उसे छोड़ दिया और उस समंदर को देखकर कहा-" वह पावर बोट पर्सनली मेरे ऑब्जरवेशन में बनाया गया है और उसका उदघाटन भी अब मैं ही करूँगा"

 

प्रकाश ने  कहा-"सॉरी सर ,आई टॉक टू मच"।

 

शव्यांश ने कहा-"इट्स ओके प्रकाश ,वैसे कहाँ हैं हमारे डियर क्लाइंट?"

 

प्रकाश ने कहा-"सर उन में से एक अभी यहां लेंड नहीं हुए हैं और बाकी के दो नोवेटल में रुके हुए हैं, मैंने आपके लिए भी वहीं एक स्वीट बुक कर  लिया है आप  चलकर पलिज् पहले  फ्रेश हो जाइए"।

 

शव्यांश ने कहा-" इंप्रेसिव प्रकाश"।

 

यह कह कर वह चलने लगा, प्रकाश ने भी उसे फॉलो करते हुए कहा-"थैंक यू सर, एक बात और है, मिसिज़ वंदना आपसे  बात करना चाहती है"।

 

शव्यांश ने कहा-"ओके मैं कर लूंगा, वैसे  बोट कहा है अभी?"

 

प्रकाश ने कहा-"सर वह साइड में है., जहां से उसे सी में उतारा जाएगा"।

 




बीटा किंगडम।




बीटा किंगम में हर सुबह की शुरुआत चिड़ियों की चहक के साथ ही होती है, आज भी उन चिड़ियों के शोर गुल में कोई भेद नहीं था, रोज़ की तरह ही जब उन पंछियों की संगीत जैसी धुन वह सूर्य की पहली किरण हेया को अपने ऊपर महसूस हुआ तो वह कशमशाने लगी,ना जाने कब उसकी आंख लग गई और वह खिड़की पर ही बैठकर सो गई।

 

हेया ने धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलकर दो,तीन बार अपनी पलकों को झपक लिए, उसका सुंदर सा चेहरा अभी भी मुरझाए ग़ुलाब की तरह लग रहा था ,उसकी घनी पलकें अभी भी आँसुओ से भीगने की वजह से गीली थी और उसकी खूबसूरत नीली आंखों में अभी भी पानी भरा हुआ था।

 

उसने अपनी नज़र उठाकर देखा तो सूर्य की  रोशनी से उसकी आंखें चौंधिया गई   जिससे उसकी आंखें बंध गई  उसने अपने हाथों को आड़ देकर वापस नज़र उठाकर देखा, अब वह साफ-साफ देख सकती थी।

 

सामने उस नीली चमकती हुई आसमान पर सात हंस का जोड़ा एक कतार में लहराते हुए चमकती डायमन की तरह ही ऊंची उड़ान भर रहे थे।

 

उन्हें देखकर हेया के चेहरे पर एक पल के लिए हल्की सी स्माइल आ गई वह स्माइल करते हुए बिल्कुल बारिश के मौसम में खिलती हुई गुलाब की पहली कली की तरह ही लग रही थी।

 

हेया ने एक गहरी सांस लेकर कहा-"7 हंसों का जोड़ा कैसे हो सकता है? 2 ,2 ,2 यह तो 6 ही हो रहे हैं?"

तभी उस रूम में हेया की एक पर्सनल मेड अपने पांच मेड के साथ आई और जब उसने हेया को खिड़की पर बैठें हुए देखा तो उसने हड़बड़ाते हुए कहा-" रा..राजकुमारी यह आप क्या कर रही है?"

 

हेया उसकी आवाज़ सुनकर उसकी तरफ़ मुड़ गई-" नखरीली तुम?"

 

इतने में ही नखरीली  भागती हुई आगे आई और उसने कस कर हेया के दोनों पैरों को पकड़ लिया, और रोते हुए कहा-"राजकुमारी हम आपको कहीं नहीं जाने देंगे आप ऐसे ही नहीं मर सकती है ,राजकुमारी कृपया करके हमें छोड़कर मत जाइए?"

 

हेया ने उसके सिर पर अपना हाथ रखकर कहा-"नखरीली छोड़ो मुझे"।

 

नखरीली ने कहा-"नहीं राजकुमारी मैं आपको कभी नहीं छोडूंगी"।

 

हेया ने धीरे से कहा-"नखरीली अगर तुम मुझे छोड़ोगी नहीं तो मैं नीचे कैसे उतरूंगी?"

 

नखरीली ने अपनी नज़र हल्की सी ऊपर उठाकर देखा और धीरे से पूछा-"आप पक्का नहीं कूदेंगी ना?"

 

हेया ने उसे चपत लगाते हुए कहा-" नहीं नखरीली मैं क्यों कुदूँगी भला, प्लीज् मुझे नीचे उतारो"।

 

तभी दरवाज़े के बाहर दूसरी मेड की आवाज़ गूंजी-" सुना तुमने, बारात द्वार पर आ गई है  चलो चलकर दूल्हे मिया को देखें"।

 

इतना सुनते ही हेया की आंखे बड़ी हो गई औऱ नखरीली की पकड़ उस पर ढ़ीली पड़ गई, 

 

हेया ने पूछा-"वह क्या बोल रही है?"

 

नखरीली ने एक तिरछी स्माइल करते हुए कहा-"राजकुमारी मैं आपको तैयार करने ही तो आई थी यहां"। यह कहकर वह अपने स्पेशल मेड्स की तरफ़ डरते हुए इशारा करने लगी।

 

हेया ने उधर देखा, सामने पाँच मेड अपने हाथों में शादी का जोड़ा,आभूषणों की थाल, और भी अनेकों आइटम लेकर अपना सिर झुकाकर खड़े हुए थे।

 

उन्हें देखकर हेया नीचे उतरने के चक्कर में  ,नखरीली के साथ ही ज़मीन पर गिर गई।

 

आह,आह आह, 

 

नखरीली की हल्की सी एक चीख़ निकल गई, क्योंकि उस नाज़ुक कली के ऊपर हेया पूरी लोड के साथ गिरी थी।

 

यह सब देखकर सामने सभी अपने अपने दांतों को दबाकर हंसने लगे।

 

हेया ने नखरीली को देखकर पूछा-"क्या तुम जिंदा हो?"

 

नखरीली ने मरी हुई आवाज़ में कहा-"राजकुमारी अगर आप अभी उठने का कष्ट करेंगी तो मैं कुछ दिन या फिर साल और आपकी सेवा करने के लायक बची रहूंगी"।

 

हेया अपना माथा खुजलाते हुए उसके ऊपर से उठ गई और उसका हाथ पकड़कर उसे भी उठा लिया।

 

नखरीली ने लंबी सांस लेकर कहा-"आपका बहुत बहुत शुक्रिया राजकुमारी"।

 

हेया उसे ऊपर से नीचे पूरा स्कैन करने लगी और धीरे से कहा -"हम्म"।

 

हेया ने आगे जाकर नखरीली के सारे मेड्स को बाहर बारात देखने के लिए भेज दिया और दरवाजा बंद करके अपने साही बेड पर बैठ गई।

 

नखरीली ने परेशान होकर कहा-"राजकुमारी यह आपने क्या किया अब आपको तैयार कौन करेगा? बारात द्वार पर है?"

 

हेया ने बेपरवाही से कहा-"मैं तैयार करूँगी" ।

 

नखरीली धीरे-धीरे उसके सामने आ गई और उसके कंधों  पर अपना हाथ रख कर कहा-"राजकुमारी मैं जानती हूँ आप इस विवाह के खिलाफ है लेकिन मैं चाह कर भी आपके लिए कुछ नहीं कर सकती ,यह सारा सामान आपके लिए राजकुमारी विष्टि ने भिजवाया हैं, आप इन्हें पहन लीजिए"।

 

हेया ने कहा-"क्या तुम मेरे लिए सच में कुछ करना चाहती हो?"

 

नखरीली ने उदास होकर कहा-"हम्म"।

 

हेया ने कहा-"तो फ़िर यह शादी का जोड़ा तुम पहनो"।