माँ से विदाई
लौट ना सका इस बार तो नाराज ना होना वादा है मेरा अगली बार भी तेरा ही बेटा बन के आऊंगा मुझे पता है जब मैं घर पे नही होता तो तुझे भी चैन नहीं मिलती बस इस बार माफ कर दे माँ वादा है, अगली बार कोई बहाना नहीं करूंगा देख माँं, तू रोना नहीं बस तेरे आंसू मुझे कमजोर कर देते हैं और तुझे तो पता हैं ना माँ शान ए शहीदी सिर्फ उन्हें ही मिलती है जो शेर ए हिंदुस्तान कहलाते हैं कुछ कर्ज रह गए थे इस माटी के लिए जिसे अब पूरा करना है दिल,दोस्ती, जिम्मेदारी से आगे निकल कर अपना धर्म निभाना है मां तुझे बताया तो था ना मे