
सलाह ||
मां की साला जब छोटे थे तो कुछ समझ में नहीं आता था क्या करना है क्या नहीं करना है क्या गलत है क्या सही है बस अपनी जिंदगी जी रहे हैं जब बड़े हुए समझ में आया कि मां जो कहती थी काश हमने माना होता जिंदगी जीते जी से रिश्ते की इन मोड पर आ जाते हैं कि पछतावा करने के अलावा हमारे पास कुछ नहीं बचता कितने जिंदगी मोड़ लेती है किसी को नहीं पता सेकंड का मूल क्या होता है वह जिंदगी से पूछो जिसने बहुत कुछ खोया हो अपनी लाइफ में जिंदगी जीने के लिए क्या-क्या नहीं करना पड़ता फिर भी हार कर हमें 1 दिन इस मिट्टी में मिल जाना है हम सब वाकिफ हैं कि हमें 1 दिन मर के जाना है बंद मुट्ठी में आए थे बंद मुट्ठी करके जाएंगे क्या पाया क्या लेकर जाएंगे लेकिन फिर भी हम इस जिंदगी को जीने के लिए कितनी कशमकश करते हैं कितनी मेहनत करते हैं और फिर भी हम अपनी जिंदगी में बड़ों की सलाह कभी नहीं मानते क्या याद है आपको अपने बचपन की वह बाजू कभी आपने मां की नहीं मानी और फिर आप को पछतावा हुआ हां मेरे दोस्तों बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्होंने अपने मां-बाप की कभी सलाह नहीं मानी होगी। Kabhi Salah man liye hoti to Shayad yah Nahin Hota Kabhi yah man liya Hota To yah nahin karna padta lekin mere doston aisa hota hai Ham Jab Chhote hote hain bacche Hote Hain To Ham Badon ka Kabhi Bhi Kahana Nahin mante Kyunki jab tak aap apni Jindagi per Khud Nahin sikhate tab tak aap per vah chij Kabhi dusron Ki Nahin manenge Aise Jab Ham bade ho Jaate Hain Ham Apne bacchon Ko Vahi Salah Dete Hain Jo Hamare मां-बाप Ne Kisi time mein Bachpan Mein Hamen Di lekin vahi hai na Jab Bachpan Mein Humne Nahin Mani to Ab Hamare bacche Kaise manenge Usi Baat Ko Kyunki jab tak Hamare Upar Koi durghatnayen ghatna Nahin ghatati tab tak Hamen uska Asar Nahin Padta मम्मी बोलती थी यह चीज मत मत खरीदो बेटा पैसे बर्बाद मत करो लेकिन हमें समझ नहीं आता था हम तो सोचते थे हमारा घर है हमारा सब कुछ है मम्मी भी ना घर को सजाने भी नहीं देती लेकिन पैसों का क्या मोल होता है वह मां से बेहतर कौन जानता है लेकिन हम नादान थे हमें कुछ नहीं पता था बेटियां होती ही ऐसी है जो घर को सवार के रखती हैं बेटे वह होते हैं जो अपने बाप की ताकत बनते हैं लेकिन क्या होता है जब आपका पल भर में सब कुछ नष्ट हो जाता है और कोई आपका बहुत था जब इस दुनिया को अलविदा कह देता है चीज है राखी रह जाती है फिर खामोश हम जब उन चीजों को देखते हैं तो बस पछतावा होता है और मां-बाप की वही पुरानी बातें याद आती है कि काश कहना माना होता इन फालतू की चीजों में ज्यादा पैसे ना खर्च करके रिश्तो को अहमियत दी होती लेकिन हमने तो अपनी मां का साला कभी मानी नहीं आज जब मैं इस दुनिया में नहीं है तो बहुत रोना आता है और चींटी के दिल यह कहता है कि मां तू आजा तेरा कहना मानूंगी मैं मान लूंगा मैं तुझे कहीं नहीं जाने दूंगा आ जाना मां गलती हो गई का शेरा उस टाइम कहना माना होता और चीजें ऐसी होती रिश्ते अहमियत रखते हैं चीज नहीं लेकिन मेरा यह जो भी लेख पढ़ रहा होगा उसे पसंद नहीं है पसंद आएगा या नहीं आएगा लेकिन यह मेरे दिल के दिल के शब्द है जो मैंने इस कागज पर उतार रहे हैं आज मैं मोड़ पर खड़ी हूं जहां सिर्फ पछतावा है मुझे उसके अलावा कुछ भी नहीं शादी के 2 साल हो गए पति का इंतकाल हो गया 2 महीने बाद मां चली गई एक बच्चा हाथ में है मेरे पास मैं बस चीजों को निहार रही हूं हर एक चीज जैसे बोल रही है तू ने मुझे इस वक्त खरीदा था तूने मुझे इस वक्त लिया था क्या मैंने उस टाइम रिश्तो को अहमियत दी थी नहीं थी जो कि आगे मैंने किसी की ना सुनी और घर में लाकर खड़ी कर दी वह चीज पैसे क्या होते हैं जनाब हमसे पूछा जाए काश हमने यह पैसे खर्च नहीं किए होते और दो चार पैसे वक्त के काम बचाए होते मां कहती थी ना पैसे बचा के रखो आगे काम आएंगे आता है पैसों की कीमत क्या होती है लेकिन जब पोस्ट ऑफिस खरीदने जाता है अडानी मत कीजिए अगर आप भी अपने बच्चे हैं बड़े हैं मां-बाप का कहना मान लो कि वह गलती कभी ना मेरी तो बस यही है कि उन्होंने कुछ गलतियां करके आए तभी वह हमें एक नई राह पर चलाना सिखाते हैं लेकिन हम तो भूल जाते हैं हमें लगता है हम ज्यादा होशियार हैं इन मां बाप ने क्या देखा है यह नए जमाने की नई चलाक नहीं होंगी हम ज्यादा चला चतुर हैं लेकिन हम भूल जाते हैं चला चतुर तो सभी अपने दुनिया मोड़ पर आते हैं कभी किसी टाइम में वह भी हमारी तरह अपनी जिंदगी जिया करते थे और बुढ़ापे के टाइम में बूढ़े हैं लेकिन क्या हुआ जिंदगी का तजुर्बा तो है बहुत सी है और हम नादान हैं यही हमारे बच्चे करते हैं हमारे बच्चे भी किसी समय हमें बोलेंगे मां-बाप आप तो मम्मी यह नहीं होगा पापा यह नहीं होगा हम ज्यादा चला गया मैं होने नहीं देंगे लेकिन वह भी वही गलती करेंगे फिर पछताएंगे पछतावा के अलावा कुछ नहीं रहता चीजें तो वही की वही है लेकिन जिस से चले गए जिंदगी जैसे बर्बाद हो गई है बस एक चीज है और मैं आपस में बातें कर रहे हैं और एक खाली कमरा है बोल रही है
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