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राज की "बात"
उनका "आंगन"
इश्क कर, इबादत से पहले जीत जाएगा, बगावत से पहले! तू नहीं होगा तो, होगी बातें तेरी खुद भी नजर आ, दिखावट से पहले। अब मंजूर कर, जो भी हाल होता है सोचना था, तो अदावत से पहले। मुझे शिकायत थी, कि वो आदत से मजबूर है उसने मुझे हीछोड़ दिया, आदत से पहले। मेरे सारे इल्जाम धरे के धरे रह गए वह रोने लग गया, शिकायत से पहले। और, क्या हुआ जो बदल गया है लाजवाब था वह भी, मिलावट से पहले। इश्क कर........