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Himanshu Khatri
दुनिया पढ़ना
मैने सिखा ही कहां पढना, जिंदगी का रास्ता पढ़ना, एक तेरा चेहरा कोई ग्रंथ है मां, जिसे सिखा है दुनिया पढ़ना, एक मैं ही तो हु बरुए-कार में अकेला, बता कब है दिल किसका पढना, सबकी तरह तेरा भी तो निकला नंगा वजुद, खराब ही तो हुआ खत्री शेर तेरा पढ़ना।