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Vashu

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Maharana Pratap Singh

उनका जन्म वर्तमान राजस्थान के कुम्भलगढ़ में महाराणा उदयसिंह एवं माता रानी जयवन्ताबाई के घर हुआ था। लेखक जेम्स टॉड के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म मेवाड़ के कुम्भलगढ में हुआ था। इतिहासकार विजय नाहर के अनुसार राजपूत समाज की परंपरा व महाराणा प्रताप की जन्म कुण्डली व कालगणना के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म पाली के राजमहलों में हुआ। महाराणा प्रताप का जन्म पाली जिले में हुआ था और उनका ननिहाल पाली में था मुंशी देवी प्रसाद द्वारा रचित सरस्वती के भाग 18 में सात पंक्तियां में ताम्र पत्र उल्लेखित है

Maharana Pratap Singh
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माहराणा प्रताप भील जनजाति से थे

महाराणा प्रताप के पिता राजपुत नहीं जबकि एक भील थे मेवाड़ असली इतिहास 1535 में बहादुर शाह प्रथम ने मेवाड़ पर अक्रमण कर दिया रानी कर्णावती जान बचा कर अपनी विशेष सैनिकों के साथ किल्ले से निकल गई वो अपने मायके बूंदी के लिए निकली पर रास्ते में उन्हें शत्रु सैनिकों ने घेर लिया । तभी भील सरदार ने उनकी रक्षा की उन्होंने शत्रु सैनिकों को मार गिराया और रानी कर्णावती को अपने साथ जंगल में ले गए और उन्हें अपने साथ रखा रानी कर्णवती भील सरदार की वीरता से बहुत प्रभावित हुई भील सरदार रानी कर्णावती से प्रेम करने

Adevil

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MAHARANA PARTAP

Maharana Pratap was a sixteenth-century Hindu Rajput king of Mewar, a region in western India. He was born on May 9, 1540, in Kumbhalgarh, Rajasthan, to Udai Singh II and his wife Jaiwanta Bai. Pratap is considered one of the greatest warriors in Indian history and is revered for his bravery and resistance against the Mughal Empire. In 1568, Emperor Akbar sent his armies to conquer Mewar, but Pratap refused to surrender. Instead, he gathered a small group of followers and waged a guerrilla war a

MAHARANA PARTAP
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