महाराणा प्रताप के पिता राजपुत नहीं जबकि एक भील थे मेवाड़ असली इतिहास 1535 में बहादुर शाह प्रथम ने मेवाड़ पर अक्रमण कर दिया रानी कर्णावती जान बचा कर अपनी विशेष सैनिकों के साथ किल्ले से निकल गई वो अपने मायके बूंदी के लिए निकली पर रास्ते में उन्हें शत्रु सैनिकों ने घेर लिया । तभी भील सरदार ने उनकी रक्षा की उन्होंने शत्रु सैनिकों को मार गिराया और रानी कर्णावती को अपने साथ जंगल में ले गए और उन्हें अपने साथ रखा रानी कर्णवती भील सरदार की वीरता से बहुत प्रभावित हुई भील सरदार रानी कर्णावती से प्रेम करने लगे कर्णवती बहुत सुन्दर थी । भील सरदार ने उन्हें अपनी पत्नी का दर्जा दिया और प्रेम किया दोनो के बीच किय बार संबंध बने अर्थात दोनो ने संभोग हुआ (मतलब सेक्स हुआ) रानी ने उनके साथ काफी समय बिताया और रानी भील सरदार से गर्भवती भी हुई रानी कर्णावती और भील सरदार खुश थे रानी अपने पति को मानो भूल ही गई हो । कुछ दिन बाद रानी के भाई हाड़ा राजा निर्बुद्ध वह आए उन्हें जब पता चला की रानी कर्णावती भीलो के सरदार के साथ सो चुकी है उन्होंने भीलों पर हमला कर दिया और अपनी बहन रानी कर्णवती को अपने साथ ले गए उनके भाई को जब पता लगा की महारानी कर्णवती भील सरदार के बच्चे कि मां बनने वाली है उन्हों यह बात सबसे छुपी रखी और रानी कर्णवती से उदय सिंह को जन्म दिया । सभी को लगा यह राणा सांगा का बेटा है पर वह कर्णावती और भील सरदार का बच्चा था ।ये है पूरा इतिहास उदय सिंह के पुत्र राणा प्रताप हुए
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