मूर्ति पूजा सिंधु घाटी सभ्यता का ही प्रतीक है जो सनातन है और ऊपर वाले को किसी न किसी धर्म संप्रदाय के रूप में मनुष्य ने पूरी दुनिया में मूर्ति पूजा को स्वरूप दिया और यह मूर्ति पूजा हर धर्म संप्रदाय में अपने महान सिद्ध पुरुषों के पुरुषार्थ के रूप में पूजतीं हैं..सनातन धर्म जिसे आज भौगोलिकता में हिन्दू कहा जाता है यह सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे प्राचीन है जोकि सिंधुवासी सर्वप्रथम मूर्ति पूजा में शिव की पूजा किया करते थे..
बाबा
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