वे पागल लोग


Guest2022/03/01 17:31
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वे पागल लोग

वे पागल लोग

कुछ पागल है सरहद पर खड़े हैं,

उनकी वजह से हम सुरक्षित खड़े हैं,

आंधी हो तूफ़ान हो रुकते नहीं है वे,

सरहद को सुरक्षित रखते हैं वे,

गोली चलाना नहीं है चाहते,

हिंसा को बढ़ाना नहीं है चाहते ।।



पर कुछ गद्दारो के लिए पूरी गोली खाली करते हैं,

हाँ ये वही पागल है जो हमारे लिए मरते है ।।


अपना आशियाना साजाना उनका ख्वाब नहीं होता,

सरहद पर कोई घुसपेठ करे उनसे बरदाश्त नहीं होता,

छाती अपनी आगे करके खड़े हो जाते हैं,

लहू की होली खेल खेल कर आंसमा छु जाते हैं ।।



हिम्मत नहीं हारते वे,

गोली चलाना बेखुबी जानते हैं वे ।।


कभी पहले वार नहीं करते,

देश द्रोही को छोड दे ऐसा पाप नहीं करते।।


दुश्मन का सीना फाड़ कर,

शेर का जबड़ा निकालकर,

तिरंगा लहरते हैं वे,

और जय जय हिंदुस्तान बोलकर,

आंसमा छु जते हैं वे ।।।।।।

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