मत फेको बेटी को बेटी तेरे घर को आबाद करने आई है मां
दुनिया की चक्का चौंध से भ्रमित होकर ना सोचो की बेटी तुम्हे बर्बाद करने आई ह मां
इतिहास खोल और देख क्या कभी किसी आंगन की गरिमा किसी बेटी ने मिटाई है मां
मत फेको बेटी को बेटी तेरे घर को आबाद करने आई है मां
अपने बेटों की काली करतूतों के किस्सों को क्यों बेटी के सर लगती है मां
तुमने मिटाकर बेटी को बेटों की काली करतूतें छुपाई है मां
बलात्कार किया बेटों ने हर बार ,क्या कभी बेटी किसी के बेटे के बलात्कार की गुनहगार पाई है मां
बलात्कारी बेटों को दी पनाह तुमने बेगुनाह बेटी को बार बार ठुकराती है मां
बेटी पलती रही मिट्टी की गोद में ,तेरे आंचल की छाव बेटों ने पाई है मां
मत फेको बेटी को बेटी तेरे घर को आबाद करने आई है मां
बेटों ने दुदकारा है अपने मा बाप को दौलत की खातिर ,
दौलत की खातिर किस बेटी ने मां बाप को आंख दिखाई है मां
मत समझ बेटी को बोझ एक न एक दिन चली जायेगी पराया घर बसाने
बेटी धूप नहीं परछाई ह मां
मत फेको बेटी को बेटी तेरे घर को आबाद करने आई है मां
रामरतन सुड्डा 🖊️