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जैसाणा रो वीर छत्रपती आलाजी

जैसलमेर रो वीर छत्रपती आलाजी ,जब दुशमन ने हमला किया जैसलमेर पर तब जैसलमेर के राजा घबरा गये और खोप छागया जैसलमेर मे और तब याद आए छत्रपती आलाजी कि और कनोई के सेनापती के द्बारा सदेशं पहुचाया वीर आलाजी को और कहा जैसलमेर को घैरा हे मुगलो ने और खोप पडा जैसलमेर मे याद किया महाराज ने हे वीर रक्षाकरो जैसाणा कि आच आई इन धोरोडीयो रीमाटि पर त्याग दो अपनी जनमं भुमि पर तब वीर छत्रपती आलाजी का घोडा क्षत्रपती आलाजी को अपने साथ हवा मे उडा चला और जैसलमेर दुगृ लाया और वीर क्षत्रपती आलाजी घोडे से उतरे तब जैसलमेर के राजा आए और बोले हे वीर क्षत्रपती आलाजी दुश्मन ने हमारे दुगृ को चारो और से घेर दिया हे अब इस धोरो कि माटी (मातृ भुमि) को तुम ही बचा सकते हो और यह कह कर क्षत्रपती आलाजी का राज तिलक कर दिया और जैसलमेर कि राजशासन पर बीठा दिया और आलाजी को जैसलमेर का राजा बना दिया और दुशरे दिन आलाजी सभी भगवान को याद कर के युद्ध भुमि मे उतर गये और सात दिन तक मुगलो से लोहा लिया और युद्ध मे उनका सिर कट गया और फिर भी वह युद्ध लडते लडते पाकिश्तान पहुच गये तब मुगलबादशा पडितो को बुला और कहा इस माहन वीर को शातं कैस क

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