Overthinking is very dangerous for everyone


Annu hooda2023/04/14 10:13
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Khaskr women's mein overthinking jayada paai jati h jisky karn depression jaisi problem bhi ho jati h

Overthinking is very dangerous for everyone

जरूरत से ज्यादा सोचना बन सकता है आपके लिए गंभीर विषय।

जानिए कहीं आपके भी मानसिक स्वास्थ्य पर ओवरथिंकिंग हावी तो नहीं हो रहा है?

किसी भी विषय के बारे में या फिर कोई भी कार्य होने से पहले उसके बारे में सोचना अच्छी बात है ,लेकिन जरूरत से ज्यादा सोचना एक गंभीर समस्या की तरफ संकेत करता है ।ज्यादा सोचना समय-समय पर हमारे दिमाग पर नेगेटिविटी को बढ़ावा देता है ,जो कि जाहिर -सी बात है कि बिल्कुल सही नहीं है ।

यह आदत हम लोग खासतौर से महिलाओं में देख सकते हैं । वे सोचते-सोचते कब इस ओवरथिंकिंग नामक समस्या की शिकार हो जाती हैं उन्हें पता भी नहीं चलता। जिससे समय के साथ-साथ वे एक गहरे तनाव से घिर जाती हैं।

चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये ओवरथिंकिंग है क्या? जानने की कोशिश करते हैं इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में और कैसे हम इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं?

ओवरथिंकिंग का अर्थ

"जरूरत से ज्यादा सोचना लंबे समय के लिए" ओवरथिंकिंग कहलाता है ।जब हम कोई भी काम करने से पहले उसके बारे में नकारात्मक विचारों को सोचने लग जाते हैं ।जैसे—

कहीं मुझसे कोई गड़बड़ हो गई हो तो ?

कहीं मैं कुछ ना कर पाऊं इत्यादि ।

कहीं नहीं अगर जैसे विचार हमारे दिमाग में हावी होकर घूमते रहते हैं जिसे ओवरथिंकिंग कहते हैं ।

यानी पहले से ही किसी बात के बारे में नकारात्मक या जरूरत से ज्यादा सोचना ओवरथिंकिंग कहलाता है।

ओवरथिंकिंग की शुरुआत कैसे होती है?

जब आप छोटी-छोटी बातों के लिए मंथन यानी सोचना शुरु कर देते हो तब यह समझ लेना कि आपके अंदर ओवरथिंकिंग की शुरुआत हो रही है। महिलाओं में यह शुरुआत पति के ऑफिस व बच्चों के स्कूल जाने से लेकर वापस आने तक मंथन लगातार जारी रहता है ।

वह किसी ना किसी कारण से खाना बनाने को लेकर बस के ना छूट जाने के बारे में लगातार जरूरत से ज्यादा मन ही मन सोचती रहती हैं ।ऐसे में घबरा जाती है और किसी अन्य कार्य में ध्यान ना लगने के कारण हर काम बिगड़ जाता है। इसलिए समय रहते इसे शुरुआती दौर में ही समझ जाना बेहतर है।

खास तौर पर ओवरथिंकिंग की शुरुआत जब हमारे मन में कोई भी काम करने से पहले उस काम के प्रति क्रियाएं उत्पन्न होने लग जाती है तब हम जरूरत से ज्यादा सोचना शुरू कर देते हैं। जो कि ओवरथिंकिंग के शुरुआती लक्षणों की तरफ इशारा करता है।

समस्या को कैसे समझें?

बहुत से लोग ऐसे भी हैं खासकर वह जो ओवरथिंकिंग के शिकार हैं वे यह कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि उनको यह समस्या है ।और ना ही इसको समझने का प्रयास करते हैं।

दो सुझावों के जरिए आप इस समस्या को समझ सकते हैं—

पहला :

यदि आप किसी घटना के बारे में सोच रहे हैं और आपको पता है कि इसके बारे में सोच कर ही समाधान निकाला जा सकता है और एक दो बार ऐसी सोच से समस्या का हल हो गया है तो इसका मतलब यह है कि आप ओवरथिंकिंग से ग्रहण नहीं करते हैं कर रहे हैं।

लेकिन वहीं दूसरी ओर :

यदि आप किसी घटना के बारे में सोच रहे हैं और आपको पता है कि सोचने से केवल दिमाग प्रभावित होगा। रहे हैं तो आप इस गंभीर समस्या को स्वीकार करना चाहेंगे।

ओवरथिंकिंग का नुकसान

जरूरत से ज्यादा सोचने से कई सारे नुकसान हो जाते हैं जिसकी वजह से दूसरे लोग भी दुखी हो जाते हैं।

ज्यादा सोच-विचार करने से लोगों में तनाव बढ़ने के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक थकान भी महसूस होने लगती है।

बात चाहे उस इंसान से ना जुड़ी हो लेकिन हर समय चिंता बनी रहती है।

ओवरथिंकिंग के कारण मन किसी काम में नहीं लगता।

काम अच्छा करने की बजाय खराब हो जाता है।

बार-बार ओवरथिंकिंग के कारण हम देखने वाले सोच कर समय खो देते हैं।

अपनी समस्या के कारण हम हमसे संबंधित इंसानों को भी दोहराते हैं उन्हें भी अपने इस तरह के रिश्ते में रखते हैं।

घबराहट, किसी से बात नहीं करना ,गुम, खोया— जैसे रहना जैसे अवसाद ग्रस्त होते हैं।

ज्यादा सोचने से लोग बार-बार ज्यादा सोचते हैं क्योंकि नींद कम होती है जिससे शरीर में भारीपन और थकान महसूस होती है।

ओवरथिंकिंग पर शेयर कैसे करें?

जरूरत से ज्यादा सोचने पर रोकने के लिए आपको खुद के लिए समय निकालना होगा।

अपने आप को किसी ना किसी काम में बिजी रखें।

बैठने और बैठने पर मानसिक दबाव कम होता है।

अपनी घटना से साझा करें जो विषय या परेशान कर रहा है, उसे साजा कर के मन में प्रवेश होगा और सामने वाला समाधान भी विचार समाहित करेगा।

फोन व टीवी से कुछ समय के लिए दूरी बनाए रखें।

प्रकृति के बीच समय बताएं कि कोई भी व्यक्ति शांत हो जाएगा और ध्यान दें।

अपने डर को बुरा लोग क्या सोचेंगे यह मेल नहीं।

अधिकाधिक समस्या होने पर मनोचिकित्सक की सलाह लें।

ज्यादा सोचने से समय, ऊर्जा और दिमाग खराब होता है। ऐसे—ऐसे अपराधी होते हैं जो पहले के रूप में और बड़े होते हैं।

यह मेल बंद करो कि लोगों ने ऐसा कहा है तो इसमें कुछ अर्थ छिपा हुआ है, नहीं लोग बिना किसी अर्थ के आपको चोट पहुंचाने की इच्छा से सिर्फ चीजें करते हैं। इसलिए यदि जीवन में सफल होना है तो ओवरथिंकिंग पर पूरा नियंत्रण करना बहुत जरूरी है।

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