आदिकवि वाल्मीकि कृत रामायण


Yaten2023/02/27 08:47
フォロー

(बालकांड, विंशः सर्गः)


कथंप्रमाणाः के चैवान्रक्षन्ति मुनिपुंगव।
कथं च प्रतिकर्तव्यं तेषां रामेण रक्षसाम्।।13।।
(वे कितने बड़े हैं और उनके सहायक कौन कौन हैं और उन्हें श्रीराम किस तरह मार सकेंगे।।13।।)

मामकैर्वा बलैब्र्रह्मन्मया वा कूटयोधिनाम्।
सर्व मे शंस भगवन्कथं तेषां मया रणे।।14।।
स्थातव्यं दुष्टभावानां वीर्योत्सिक्ता हि राक्षसाः।
तस्य तद्वचनं श्रुत्वा विश्वामित्रोऽभ्यभाषत।।15।।
(हे भगवन! यह सब भी बतलाइये कि, हमारी सेना और मैं उन मायावियों और उन दुष्ट भाव वाले बड़े पराक्रमी राक्षसों के साथ युद्ध में क्यों कर ठहर सकूंगा। महाराज के वचन सुन विश्वामित्र जी बोले।।14।।15।।)

पुलस्त्यवंशप्रभवो रावणो नाम राक्षसः।
स ब्रह्मणा दत्तवरस्त्रैलोक्यं वाधते भृशम्।।16।।
(हे राजन! महर्षि पुलस्त्य के वंश में उत्पन्न रावण नाम का राक्षस, जिसे ब्रह्मा जी ने वरदान दे रखा है, तीनों लोकों को बहुत सताता है।।16।।)

シェア - आदिकवि वाल्मीकि कृत रामायण

ビットコインで投げ銭してこのユーザーを応援できます - 詳細

フォロー

0 件のコメント

この投稿にコメントしよう!

この投稿にはまだコメントがありません。
ぜひあなたの声を聞かせてください。