ग़म-ए-उम्र-ए-मुख़्तसर से अभी बे-ख़बर हैं कलियाँ न चमन में फेंक देना किसी फूल को मसल कर


R.K Yaduvanshi2022/09/27 02:47
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न चमन में फेंक देना किसी फूल को मसल कर

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