करोगे मोहब्बत तो घर भी छोडना होगा
हमारे साथ तुम्हें ए सहर भी छोडना होगा
टूट जाएगा जब ए सहर से रिस्ता तो मा के हाथ के निवालो से भी रिस्ता छोडना होगा
अंजन सहर में ए बुखार भी मार जाएगा प्यार का , भुख लगेगा तो ए प्यार भी मार जाएगा
बुलायेंगे घर वाले तो अपने घर लौट जाओगे
हमें ठुकरा के अपने सहर लौट जाओगे
हम पर आएगा तुम्हें बहकने का इल्जाम लड़की पर नहीं आता भगाने का इल्जाम
फस जाएंगे हम ज़माने के चक्कर में जवानी निकल जाएगी थाने के चक्कर में
फिर तू अपने बयान से पलट जाएगी मेरी जिंदगी जेल में सड़ जाएगी
उमरा गुजरे जेल में ऐसी नौबत ही क्यू आये
हम चाहते ही नहीं मोहब्बत हो जाए
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