जीवन में शिक्षा का अपना महत्व है, शिक्षा हमें सही और गलत का फर्क समझाती है, भारतीय परिवेश में स्कूली शिक्षा के साथ साथ मानसिक और शारीरिक शिक्षा के महत्व को समझाना चाहिए। आज के बदलते परिवेश में और बेरोजगारी की बढ़ती दर चिन्ता का विषय है, अब व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। आज बेरोजगार युवा रोजगार के आभाव में पथ से भटक रहा है, जरुरत है एक ऐसे संकल्प रूपी सैच्छिक वातावरण की जिसमें देश का युवा अपने को सुरक्छित महसूस करे। एक युवा जब खुशहाल होगा परिवार भी खुशहाल होगा परिणामस्वरूप उन्नत समाज बनेगा।