मैने सिखा ही कहां पढना, जिंदगी का रास्ता पढ़ना, एक तेरा चेहरा कोई ग्रंथ है मां, जिसे सिखा है दुनिया पढ़ना, एक मैं ही तो हु बरुए-कार में अकेला, बता कब है दिल किसका पढना, सबकी तरह तेरा भी तो निकला नंगा वजुद, खराब ही तो हुआ खत्री शेर तेरा पढ़ना।
Himanshu Khatriさんをフォローして最新の投稿をチェックしよう!
この投稿にコメントしよう!
この投稿にはまだコメントがありません。ぜひあなたの声を聞かせてください。