
महखाने को घर बनाए बैठे हैं।
नए-नए शौक पाल कर बैठे हैं
हर किसी को अपना मान बैठे हैं
यूं तो जिंदगी में कोई साथ देता नहीं
फिर भी सभी को गले लगाए बैठे हैं।
हर किसी से उम्मीद लगाए बैठे हैं।।
सब कहते हैं ये नशा जल्द उतर जाएगा
हमने भी कह दिया उतरने नहीं देंगे ,जनाब...
हर जाम को लबों पर सजाए बैठे हैं।
हम भी महखाने को घर बनाए बैठे हैं ।।
Jaiswalkhushi
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